SINGLE PHASE INDUCTION MOTOR
एक फेजी मोटरें कम अश्व शक्ति के लिए बनाई जाती है।
एक फेजी मोटरों को Fractional Horse Power motor [F.H.P.. Moter) भी कहते हैं।
FHP मोटरों के फ्रेम का आकार 1.0kW निरन्तर कार्य करने वाली
मोटरों से छोटा व इनकी गति 1700-1800 RPM तक होती है।
एक फेजी प्रेरण मोटरें, त्रिफेजी मोटरों की अपेक्षा
.कम दक्षता वाली
.कम शक्ति गुणक पर कार्य करने वाली
.समान लोड के लिए कम दक्षता वाली
.कम बलापूर्ण विकसित करने वाली
.गति नियमन कम O स्वचालित नहीं होती है।
संरचना की दृष्टि से यह त्रिफेजी मोटरों के समान होती है सिवाय इसके कि इसमें एक ही फेज कुण्डलन होती है।
Single phase induction / split phase induction motor
इसके मुख्यतः चार प्रकार होते हैं जो निम्न हैं
[A] संधारित्र प्रेरण मोटर (Capacitor Induction Motor)
इसमें भी दो कुण्डलनें होती है जो 90° विद्युतीय पर कुण्डलित होती है।
इस मोटर की दोनों winding साथ-साथ काम करती है।
इसका रोटर पिंजरा प्रारूपी होता है।
Main winding को Runing winding भी कहते हैं।
इसका उपयोग पंखों की मोटरों में किया जाता है।
[B] संधारित्र स्टार्ट प्रेरण मोटर (Capacitor start Induction Motor) :
यदि संधारित्र प्रेरण मोटर में अपकेन्द्री स्विच लगा दिया जाये तो यह Capacitor start induction को अलग कर देता है।
इसमें लगा switch जब Motor 75% speed प्राप्त कर लेता है तो starting winding को अलग कर देता है।
इन मोटरों का प्रयोग औद्योगिक क्षेत्रों में किया जाता है।
[C] संधारित्र स्टार्ट संधारित्र बल प्रेरण मोटर (Capacitor start Capacitor Run Induction motor):
यहाँ पर Main winding में capacitor use करने से Running power factor का मान बढ़ जाता है।
इसमें प्रयुक्त capacitor paper spaced oil filled tupe का होता है।
Capacitor start capacitor Run Induction Motor मूलत: 2-0 मोटर होते हैं।
यह मोटर air compressor के लिए प्रयुक्त किये जाते हैं।
यदि मोटर के घूमने की दिशा बदलनी हो तो किसी एक कुण्डलन के दोनों सिरों को आपस में बदल देते हैं।
[D] शेडिङ ध्रुव मोटर (Shaded Pole Motor) :
इस प्रकार के मोटर में केवल एक winding होती है।
इसमें salient pole type का stator और squirrel-cage type का Rotor प्रयोग किया जाता है।
इसके stator pole में कट करके Cu (कॉपर) की मोटी पट्टी मोड़कर लगानी जाती है जो short circuited होतीहै जिसे shaded winding कहते हैं।
इस प्रकार के मोटर बहुत कम अश्व शक्ति के लिए बनाये जाते हैं।
लगभग 40 Watt से कम या 0.05 HP तक शेडेड पोल मोटर में मुख्य बाइंडिंग salilent pole पर की जाती है।
इसकी दक्षता (5% से 35%) तक होती है।
जहाँ low starting torque की आवश्यकता होती है यहाँ इसका प्रयोग किया जाता है; जैसे—छोटे पंखे, हेयर ड्रायर, खिलौना, Blower (धौंकनी) उपकरणों, विद्युत घड़ी इत्यादि में
Shaded ring का कार्य Rotating Magnetic field उत्पन्न करना है।
सेलिएन्ट पोल, शेडेड पोल का 3 गुना होता है।
एक फेजी तुल्यकाली मोटर (1-Φ synchronous motor )
यह मुख्यतः 2 प्रकार की होती है।
[A] प्रतिष्टम्म मोटर (Reluctance Motor)
इस मोटर में stator दो प्रकार के बनाये जाते हैं।
यह एक constant speed वाली motor है।
इसका उपयोग signalling devices, recording instrument timers, Photograph में किया जाता है।
आवृति और वोल्टेज बदल कर इसकी गति बदल सकते हैं।
(B) हिस्टेरीसिस मोटर (Hysteresis Motor )
यह मोटर सतत परिक्रमी चुम्बकीय फ्लक्स की उपस्थिति पर निर्भर करता है।
इटर में कोई पहल नहीं होता है और न ही कोई खाँचा दिन किसी आवाज के चलती है।
यह Motor High inertia वाले load को zero speed से synchronous speed तक drive कर सकता है
क्योंकि इसका Torque, Load पर निर्भर नहीं करता है।
इसका अन्दर का भाग एल्युमीनियम का बनाया जाता है क्योंकि यह हल्का होता है।
इसका उपयोग ध्वनि उपकरणों में किया जाता है।
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