बैटरी (Battery)

सेलों के समूहन (Grouping) को बैटरी कहते हैं। सेलों को निम्न प्रकार से संयोजित किया जा सकता है।

(1) श्रेणी समूह (Series Group) 

. अधिक विद्युत वाहक बल प्राप्त करने के लिए सेलों की श्रेणी क्रम में संयोजित किया जाता है।

. यदि सभी सेलों का विद्युत वाहक वल समान हो (E) तो कुल वि० वा० बल  E=n.E जहाँ n सेलों की संख्या है।

. यदि प्रत्येक सेल का आंतरिक प्रतिरोध हो और लोड प्रतिरोध R हो T तो, परिपथ से प्रवाहित होने वाली कुल विद्युत धारा

                  i = n.E /n.r+R

. जब बाहरी लोड प्रतिरोध, आंतरिक प्रतिरोध की अपेक्षा अधिक हो सेलों को श्रेणी क्रम में जोड़ना चाहिए।

 (ii) समांतर समूह (Parallel Series) :

. अधिक मान की विद्युत धारा अथवा अधिक समय तक विद्युत धारा प्राप्त  करने के लिए सेलों को समानांतर क्रम में संयोजित किया जाता है।

. यदि सभी सेलों का विद्युत वाहक बल समान हो (E) तो कुल वि० वा० बल (Et)

               Et=E

. यदि प्रत्येक सेल का आंतरिक प्रतिरोध हो और लोड प्रतिरोध R हो तो परिपथ से प्रवाहित कुल विद्युत धारा

               I = E/ R+r/n

           जहाँ n समांतर क्रम में जुड़े सेलों की संख्या है।

. जब बाहरी लोड प्रतिरोध, आंतरिक प्रतिरोध की अपेक्षा कम हो, सेलों को समांतर क्रम में जोड़ना चाहिए।

. जब बाहरी लोड प्रतिरोध, आंतरिक प्रतिरोध के बराबर हो, तब सेलों को मिक्स क्रम में जोड़ना चाहिए।

. ऐसा क्रम जिसमें श्रेणी और समानांतर क्रम दोनों सेलों को एक साथ जोड़ा जाता है तो उसे मिक्स क्रम (Mixed Group) कहते हैं। 

. जब लोड प्रतिरोध का मान सेलों के कुल आंतरिक प्रतिरोध के तुल्य हो जाता है तो सर्किट करंट अधिकतम होता है।

.  बैटरी की क्षमता एम्पियर घण्टे में व्यक्त की जाती है। (Ah) बैटरी की बैटरी की क्षमता = धारा (एम्पियर में ) x समय ( घण्टा में) (Ah)

.बैटरी की क्षमता डिस्चार्ज की दर पर निर्भर करती है। 

 

बैटरी चार्जिंग ( Battery Charging) :

. जब किसी सेल अथवा बैट्री को निर्माण के बाद ही या डिस्चार्ज होने पर पुनः किसी बाहरी D.C स्रोत से जोड़ा जाता है तो उसे चार्जिंग कहते हैं।

. इसके लिए केवल D. C. स्रोत की जरूरत होती है।

. इसमें बैट्री का धन संयोजक, स्रोत के धन सिरे तथा ऋण संयोजक, स्रोत के ॠण सिरे से संयोजित किया जाता है।

. बैटरी के चार्जिंग के समय इलेक्ट्राइट का आपेक्षिक घनत्व बढता है। 

. लेड-ऐसिड सेल को चार्ज करने की व्यवसायिक विधि स्थिर वोल्टेज विधि है।

. बैटरी को डिस्चार्ज होने के बाद प्लेट का रंग सफेद हो जाता है। 

. चार्जिंग के समय लेड- एसिड सेल विद्युत उर्जा को रसायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करता है। 

. जब Lead Acid Battery को चार्ज किया जाता है तो पॉजिटिव प्लेट lead per oxide बनाती है तथा निगेटिव प्लेट स्पांजी lead 

. बैटरी के ओवर चार्जिंग होने से उसका आंतरिक प्रतिरोध बढ़ने के साथ-साथ पानी कम हो जायेगा और गैस का उत्सर्जन अधिक होगा। 

. यदि चार्ज करते समय बैटरी के कनेक्शन गलत हो जाएँ तो यह बहुतअधिक करंट लेगी। 

. यदि बैटरी की चार्जिंग रेंट बहुत अधिक हो तो प्लेटों के टेढ़े होने के साथ-साथ तापमान बढ़ जायेगा और गैस का उत्सर्जन अधिक होने लगेगा।

. स्थिर वोल्टेज चार्जिंग विधि में डिस्चार्ज से पूर्ण चार्जिंग तक करंट बढ़ता जाता है।

. स्थिर करंट चार्जिंग विधि में डिस्चार्ज से पूर्ण चार्जिंग तक सप्लाई वोल्टेज स्थिर रहता है।

. किसी स्टोरेज बैट्री की क्षमता उसके प्लेट्स के क्षेत्रफल पर निर्भर करती है। 

ट्रिकल चार्जिंग (Trickle Charging)

सल्फेशन दोष युक्त लेड-ऐसिड बैटरी को पुनर्जीवित करने के लिए अति निम्न विद्युत धारा दर (सामान्य चार्जिंग धारा का 2-5%) पर आवेशित करना ट्रिकल चार्जिंग कहलाता है।
 

 महत्वपूर्ण तथ्य ( Important Facts) : 

. बैटरी के डिस्चार्ज के समय सेल को वोल्टेज घटती है।
. विद्युत विच्छेदन के समय जब मुक्त किए गए आयन का भार बढ़ता है, तो उत्पन्न बिजली की मात्रा बढ़ती है।

.  बैटरी की स्थिति उच्च दर डिस्चार्जर से निर्धारित की जा सकती है।

. वैद्युतिक अपघटन में कैथोड पर एकत्र होने वाले पदार्थ का द्रव्यमान करंट के परिणाम, विद्युत रसायनिक तुल्यांक तथा समय का गुणनफल होता है।

. वैद्युत अपघट्य में उपस्थित अशुद्धियों के कारण सेल की प्लेट्स में आंतरिक शार्ट सर्किट पैदा हो सकता है जो स्थानीय क्रिया कहलाता है। 

. जब किसी सेल के पूर्ण चार्ज होने के उपरांत उसमें से गैस बाहर निकलती है तो उसे गैसिंग (gasing) कहते हैं।

. डिस्चार्ज्ड बैट्री का आंतरिक प्रतिरोध बढ़ जाता है।
. विद्युत रसायनिक क्रिया केवल प्राथमिक सेल के लिए रिवर्सिबल नहीं है। 

. स्थिर वोल्टेज प्राप्त करने के लिए पॉवर स्रोत का आंतरिक प्रतिरोध कम होना चाहिए।

. सामान्यतः सबसे अधिक उपयोग होने वाला द्वितीयक सेल (Secondary Cell) लेड-एसिड सेल है। 

. यदि सल्फ्यूरिक अम्ले में पानी मिलाया जाए तो अधिक मात्रा में गर्मी पैदा होगी। इसलिए बैट्री में पहले जल डालते हैं उसके बाद अम्ल

. कटे हुए आलू में बैट्री के टर्मिनल से जुड़े तार पर हरा रंग प्राप्त होता है। 

. कैथोड पर जमा धातू का द्रव्यमान आवेश के समानुपाती होता है