MAGNET AND ELECTROMAGNET


. एक ऐसा पिण्ड, जिसमें लोहा, निकेल आदि को अपनी ओर आकर्षित करने की क्षमता हो एवं स्वतंत्रतापूर्वक लटकाए जाने पर सदैव उत्तर-दक्षिण दिशा में ही       ठहरता हो, चुम्बक कहलाता है।

. चुम्बक रासायनिक रूप से लोहे का ऑक्साइड है। मैग्नेटाइट (Fe3O4) चुम्बक में ध्रुवों की संख्या दो होती है।

. अति सूक्ष्म भागों में काट देने पर भी चुम्बक में ध्रुवों की संख्या दो होती है।

. चुम्बक में केवल एक ध्रुव का कोई अस्तित्व नहीं होता।

. चुम्बक के दोनों ध्रुवों की ध्रुव सामर्थ्य (Pole Strength) बराबर होती है। चुम्बक की प्रबलता सबसे अधिक ध्रुवों पर तथा सबसे कम बीच में होती है।

. चुम्बक के किनारों की बीच की लम्बाई को ज्यामितीय लम्बाई कहते हैं तथा ध्रुवों के बीच की लम्बाई को चुम्बकीय लम्बाई कहते हैं। 

. चुम्बक के ठीक मध्य में चुम्बकत्व नहीं होता है। दो चुम्बकों के समान ध्रुवों में प्रतिकर्षण तथा विपरीत ध्रुवों में आकर्षण होता है। 

 प्राकृतिक चुम्बक (Natural Magnet)

. प्रकृति में मिलने वाले ऐसे पदार्थ जिनमें लोहे को आकर्षित करने का गुण होता है, प्राकृतिक चुम्बक कहलाते हैं।

. इसकी कोई निश्चित आकृति नहीं होती। जैसे- चुम्बक पत्थर (Magnet stone)

 कृत्रिम चुम्बक (Artificial Magnet)

. कुछ पदार्थों को कृत्रिम विधियों द्वारा चुम्बक बनाया जा सकता है। जैसे-लोहा, इस्पात, कोबाल्ट इत्यादि। इन्हें कृत्रिम चुम्बक कहते हैं।

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. ये विभिन्न आकृति के हो सकते हैं।

. छड़ चुम्बक, घोड़ा नाल चुम्बक, चुम्बकीय सुई इत्यादि कृत्रिम चुम्बक है। 

.कृत्रिम चुम्बक की क्षमता प्राकृतिक चुम्बक की अपेक्षा अधिक होती है।
 

 चुम्बक के प्रकार (Types of Magnet)

(1) स्थायी चुम्बक (Permanent Magnet) : 

. वैसा चुम्बक जो कठिनता से चुम्बक बनता है और कठिनता से ही चुम्बकत्व समाप्त होता है, स्थायी चुम्बक कहलाता है। 

. ये लाउडस्पीकर, दिक्सूचक, गैल्वेनोमीटर आदि में प्रयोग किया जाता है। इसे बनाने के लिए चुम्बकीय मिश्र धातुएँ भी प्रयोग की जाती है जैसे एलनीको (Alnico) एवं एल्कोनैक्स।
. स्थाई चुम्बक इस्पात का बना होता है।

. एलनीको (Alnico) में एल्युमिनियम, निकिल, कोबाल्ट एवं लौह होता है।  

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(II) अस्थायी चुम्बक (Temporary Magnet)

. वैसा चुम्बक जो शीघ्र ही बन जाता है और शीघ्र ही चुम्बकत्व समाप्त भी हो जाता है, अस्थायी चुम्बक कहलाता है।

. अस्थायी चुम्बक नर्म लोहे (मृदु लोहा) का ही बनाया जाता है।

. विद्युत घंटी, डायनेमो आदि अस्थायी चुम्बक के उदाहरण है।

 . विद्युत चुम्बक एक अस्थायी चुम्बक होता है। 

. इसके चुम्बकत्व का आस्तित्व तभी तक विद्यमान रहता है जब तक कि इसके क्वायल में से विद्युत धारा प्रवाहित होती रहती है

. इसे आवश्यकतानुसार शक्तिशाली बनाया जा सकता है।

. विद्युत चुम्बक का सामर्थ्य निम्न बातों पर निर्भर करता है। 

     (i) परिनालिका पर लिपटे तार के घेरों की संख्या 

     (ii) लिपटे वार में प्रवाहित धारा की प्रबलता

                    विद्युत चुम्बकीय पारिभाषिक शब्द

चुम्बकीय परिपथ (Magnetic Circuit)

. चुम्बकीय बल रेखाओं का पूर्ण एवं बंद मार्ग चुम्बकीय परिपथ कहलाता है। 

 चुम्बकीय क्षेत्र (Magnetic Field)

.चुम्बक के चारों ओर का वह क्षेत्र, जिसमें चुम्बक के प्रभाव का अनुभव किया जा सकता है, चुम्बकीय क्षेत्र कहलाता है।

. चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा चुम्बकीय सुई से निर्धारित की जाती है। 

. चुम्बकीय क्षेत्र का SI मात्रक टेसला (Tesla) है। 

. इसका CGS मात्रक गौस (Gauss) होता है।

. छड़ चुम्बक के चारों ओर पैदा हुई चुम्बकीय बल रेखाओं की दिशा उत्तरी ध्रुव से दक्षिणी ध्रुव की ओर होती है।

चुम्बकीय बल रेखा (Magnetic Lines of Force) 

. चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा को दिखाने के लिए चुम्बकीय बल रेखाओं का प्रयोग किया जाता है।

चुम्बकत्व वाहक बल (Magneto Motive Force) 

. जिस प्रकार वैद्युतिक परिपथों में वि० वा० बल इलेक्ट्रोन्स को चालक में से प्रवाहित कराता है, उसी प्रकार चु० वा० बल (m.m.f) चुम्बकीय परिपथों में चुम्बकीय फ्लक्स को गतिमान करता है।

. इसकी इकाई एम्पीयर -टर्न (AP) है। इसे NI से प्रदर्शित करते हैं।
 

 चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता (Magnetic Field Intensity)

. चुम्बकीय क्षेत्र में क्षेत्र के लम्बवत् एकांक लम्बाई का ऐसा चालक तार रखा जाए जिसमें एकांक प्रबलता की धारा प्रवाहित हो रही हो, तो चुम्बक पर लगने वाला बल ही चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता की माप होगी।

. चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता एक सदिश राशि है।


चुम्बकीय फ्लक्स (Magnetic Flux)

. चुम्बकीय क्षेत्र में किसी चुम्बकीय बल रेखा के लंबवत तल में से गुजरने वाली चुम्बकीय बल रेखाओं की कुल संख्या चुम्बकीय फ्लक्स कहलाती है। 

. इसका SI मात्रक वैबर (Weber) है।

. इसे Φ (फाई) से सूचित करते हैं। 

. यदि चुम्बकीय फ्लक्स का मान Φ हो तथा इसके प्रभाव के अंतर्गत क्षेत्र का क्षेत्रफल A हो, तो चुम्बकीय फ्लक्स घनत्व

               Φ = BA       , जहाँ B चुम्बकीय फ्लक्स घनत्व है।

. फ्लक्स घनत्व का S.I. मात्रक वेबर / मी०2 होता है।

Note: चुम्बकीय घनत्व या चुम्बकीय प्रेरण, फ्लक्स घनत्व के पर्यायवाची शब्द हैं। 

मैक्सवेल का दक्षिण हस्त नियम

यदि धारावाही तार को दाएँ हाथ की मुट्ठी में इस प्रकार पकड़े कि • अंगूठा धारा दिशा की ओर संकेत करता हो, तो अन्य अंगुलियाँ चुम्बकीय क्षेत्र की बल रेखाओं की दिशा व्यक्त करती है। इसे अंगूठे का नियम भी कहते हैं।