ओम का नियम (Ohm's Law)
: अगर सभी स्थितियाँ नियत रहे तो किसी चालक में voltage उसमें प्रवाहित धारा के समानुपाती होता है।

   अर्थात् 

                 V I

or,             V = IR

                     जहाँ R एक नियतांक है जो उस चालक का प्रतिरोध है। 

                R = V/I   Volt /Ampere
NOTE

1. प्रतिरोध, संधारित्र, प्रेरकत्व पर ही ohm's law लागू होता है। 

2. ओम का नियम रेखीय और द्विदिशात्तमक परिपथ में काम करता है। 

3. ओम का नियम AC और DC दोनों में कार्य करता है। 

4. A.C के लिए सिर्फ R के स्थान पर प्रतिबाधा (Z) हो जाता है।

ओम के नियम का ग्राफ 

       V = IR

ओम का नियम|सूत्र| सीमाएं|ग्राफ|ohm's law ~ Studyzone001 by Rahul Arora

 

प्रतिरोध (Resistance) :

1. पदार्थों का वह स्वभाविक गुण जिसके कारण वह अपने मे से होने वाले विद्युत धारा प्रवाह का विरोध करे, प्रतिरोध कहलाता है।

2. प्रतिरोध का प्रतीक R है।

3 .प्रतिरोध का मात्रक ओम (ohm ) होता है। 

4. प्रतिरोध का आकार शक्ति पर निर्भर करता है, प्रतिरोध पर नहीं।
                                       INVENTO 50Pcs 22K Ohm Carbon Film Resistor 1/4 W Resistance 0.25 Watt 250mW  5% Toleance High Quality For DIY : Amazon.in: Electronics
चालक के प्रतिरोध को प्रभावित करने वाले कारक

 (i) तापमान (Temperature ) 

: तापमान बढ़ने से चालक का प्रतिरोध बढ़ता है तथा घटने से घटता है।

(ii) पदार्थ की प्रकृति (Nature of substance)

;  अलग-अलग धातुओं के तार का प्रतिरोध अलग-अलग होता है।

(ii) लम्बाई (Length ) 

: चालक तार की लम्बाई बढ़ने से प्रतिरोध बढ़ता है और घटने से घटता है। अर्थात्

            R ∝ I      - (1)

(iv) अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल (Cross Sectional Area)

 : अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल के घटने से उस चालक का प्रतिरोध बढ़ता है और बढ़ने से प्रतिरोध घटता है।

Ohm's Law hindi definition
 

            R ∝ l/A           - (ii)

           समीकरण (i) और (ii) से ,

           R ∝ l/A

          or, R = ρl/A

जहाँ p (Rho) चालक का प्रतिरोधकता है

 प्रतिरोधकता को ओमोटर से भी मापा जाता है।


विशिष्ट प्रतिरोध या प्रतिरोधकता (p) 

: किसी चालक के पदार्थ का विशिष्ट प्रतिरोध उस पदार्थ से बने इकाई लम्बाई तथा इकाई अनुप्रस्थ परिच्छेद के क्षे० के तार का प्रतिरोध होता है |

इसे ρ से सूचित करते है

विशिष्ट प्रतिरोध का मात्रक ohm m होता है।

R = p l/A

चालकता (Conductance)

: पदार्थों का वह गुण जो विद्युत धारा प्रवाह में सुगमता प्रदान करता है चालकता कहलाता है। 

 2. इसे G से सूचित करते हैं।

3.इसका मात्रक साइमन (Simen) होता है जिसे S से सूचित किया जाता है।

4. किसी पदार्थ की चालकता उसके प्रतिरोधकता का व्युत्क्रमानुपाती होता है। 

5. साइमन को Mho  से भी दर्शाया जाता है।

6.  ताप बढ़ने से प्रतिरोध का मान बढ़ता है, चालकता घटती है। 
 

           G= 1/R


विशिष्ट चालकता (Specific Conductance) 

: विशिष्ट चालकता, विशिष्ट प्रतिरोधकता का व्युत्क्रम होता है। इसे σ (Sigma) से सूचित करते हैं।
    अर्थात्

              σ = l/ρ

              R = ρl/A 

              σ = l/AR
NOTE

 अगर किसी चालक तार की लम्बाई को x गुना कर दिया जाय तो प्रतिरोध x गुना हो जायेगा तथा अगर खींच कर x गुना कर दिया जाय तो प्रतिरोध x2 गुना हो जायेगा