आवेश घनत्व (Charge Density) :
ये तीन प्रकार का होता है।
(i) रैखिक आवेश घनत्व (Linear Charge density) (λ)
: प्रति एकांक लम्बाई पर कुल आवेशों की मात्रा को रैखिक आवेश घनत्व कहते हैं।
λ= q/l
. इसका मात्रक कूलॉम /मीटर होता है।
(ii) सतह आवेश घनत्व (Surface charge density) (σ)
: प्रति एकांक क्षेत्रफल पर कुल आवेशों की मात्रा को सतह आवेश घनत्व कहते हैं।
σ = q/A
. इसका मात्रक cm-2 होता है।
(iii) आवेश घनत्व (Charge density) (ρ)
: प्रति एकांक आयतन पर कुल आवेशों की मात्रा को आवेश घनत्व कहते हैं।
ρ=q/v
. इसका मात्रक या cm 3 होता है।
विद्युत वाहक बल (Electro Motive Force) [EMF] :
. किसी चालक पदार्थ में से विद्युत धारा को एक सिरे से दूसरे सिरे तक प्रवाहित करने वाला बल, विद्युत वाहक बल कहलाता है।
. यह सेल, बैट्री जनरेटर आदि से प्राप्त किया जाता है।
. इसका मात्रक "वोल्ट" है।
.इसे v से सूचित किया जाता है।
विभवांतर (Potential Difference) :
. जब किसी चालक में से विद्युत धारा प्रवाहित होती है तो उसके सिरों के विभवों में कुछ अंतर पैदा हो जाता है जिसे विभवांतर कहते हैं।
विभव (Potential) :
. एकांक आवेश को अनंत से किसी बिन्दु तक लाने में किया गया कार्य उस बिन्दु का विभव कहलाता है।
| V= W/Q
. इसका मात्रक J / C या वोल्ट होता है।
Note :
. emf का मान नियत रहता है।
. emf का मान कभी शून्य नहीं हो सकता है, धारा प्रवाह शून्य होने पर भी।
. विभवान्तर का मान धारा के घटने तथा बढ़ने पर क्रमशः घटता एवं बढ़ता है।
. परिपथ में धारा का प्रवाह शून्य होने पर विभवान्तर का मान शून्य हो जाता है।
विद्युतीय क्षेत्र (Electric Field) :
. किसी आवेश या आवेशों के चारों ओर का वह क्षेत्र जिसमें कोई दूसरा आवेश अपने पर एक बल का अनुभव करता है, विद्युतीय क्षेत्र कहलाता है।
. सघन विद्युतीय क्षेत्र के लिए सघन तथा विरल विद्युतीय क्षेत्र के लिए विरल बल रेखाओं का प्रयोग किया जाता है।
. एक समान विद्युतीय क्षेत्र के लिए एक समान बल रेखाओं का प्रयोग किया जाता है।
विद्युतीय क्षेत्र की तीव्रता (Intensity of Electric Field)
. यदि किसी विद्युतीय क्षेत्र में किसी बिन्दु पर 'q' आवेश पर 'F' बल लगता है, तो उस बिन्दु पर विद्युतीय क्षेत्र की तीव्रता E=F/Q होती है।
. विद्युतीय क्षेत्र की तीव्रता का S.I मात्रक N/C है।
. यह एक सदिश राशि है।
. किसी खोखले चालक के अंदर विद्युतीय क्षेत्र की तीव्रता शून्य हो जाती है। क्योंकि उसके अंदर का माध्यम हवा है। इसलिए बिजली चमकते समय कार के खिड़की और दरवाजे बंद कर लिए जाते हैं।
विद्युतीय बल रेखाएँ (Electric Lines of Force) :
. किसी आवेश के चारों ओर के विद्युतीय क्षेत्र को दिखाने वाली बल रेखाएँ विद्युतीय बल रेखाएँ कहलाती हैं।
. यह रेखाएँ काल्पनिक होती हैं।
विद्युतीय बल रेखाओं के गुण :
. विद्युतीय बल रेखाएँ धनावेश से शुरू होकर ऋणावेश पर खत्म होती हैं।
. ये रेखाएँ एक दूसरे को नहीं काटती क्योंकि काटे गए बिन्दु पर विद्युतीय क्षेत्र की दो दिशा होगी, जो संभव नहीं है।
. सघन विद्युतीय क्षेत्र के लिए सघन तथा विरल विद्युतीय क्षेत्र के लिए विरल बल रेखाओं का प्रयोग किया जाता है। एक समान विद्युतीय क्षेत्र के लिए एक समान बल रेखाओं का प्रयोग किया जाता है।
विद्युत धारा (Electric Current) :
. किसी तत्व या पदार्थ में से इलेक्ट्रॉन का प्रवाह विद्युत धारा कहलाता है। या आवेश प्रवाह की दर को विद्युत धारा कहते है। अर्थात्
I=Q/t
. इसका S.I. मात्रक Ampere (Col/s) होता है।
. यदि किसी बिन्दु से एक सेकेण्ड में 6.28xx 10^(18) इलेक्ट्रॉन्स प्रवाहित हो जाए तो विद्युत धारा का मान 1 A होता है।
. विद्युत धारा का वेग प्रकाश के समान 3×108 m/s होता है।
. विद्युत धारा एक अदिश राशि है क्योंकि यह सदिश के जोड़ नियमों का पालन नहीं करता |
. विद्युत धारा हमेशा बंद परिपथ में प्रवाहित होता है।
. विद्युत धारा हमेशा निम्न प्रतिरोध का मार्ग चुनता है।
. इलेक्ट्रॉन्स का बहाव हमेशा ऋणवस्तु से धन वस्तु की ओर होता है।
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